सहदेवी एक छोटा सा कोमल पौधा होता है जो एक फुट से साढ़े तीन फुट तक की ऊँचाई का होता है. पौधा भले ही कोमल हो पर तंत्र शास्त्र और आयुर्वेद में ये किसी महारथी से कम नहीं है. अपने दिव्य गुणों के कारण आयुर्वेद के ग्रंथों में इसका उल्लेख्य कोई बड़ी बात नहीं है परन्तु इसमें कई दिव्य गुण…
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बिच्छू घास (Nettle) पैरासीटामोल से भी बेहतर प्राकृतिक दवा
बिच्छू घास को अंग्रेजी में नेटल (Nettle ) कहा जाता है. इसका बॉटनिकल नाम अर्टिका डाइओका ( Urtica dioica) है. कुमाऊंनी में इसे सिसूण कहते हैं. वह विशुद्ध कुमाऊंनी शब्द है. बिच्छू घास उत्तराखंड और मध्य हिमालय क्षेत्र में होती है. यह घास मैदानी इलाकों में नहीं होती. बिच्छू घास में पतले कांटे होते हैं. यदि किसी को छू जाये…
Read Moreअतिबला (Abutilon Indicum) हर लेगी आपकी अनगिनत बीमारियों की बला
अतिबला यानी इसे खिरैटी भी कहा जाता है ये पौष्टिक गुणों से भरपूर है ये आयुर्वेद में बाजीकरण के रूप में भी प्रयुक्त की जाती है धातु सम्बंधित रोग में इसका प्रयोग कारगर है ये यौन दौर्बल्य-धातु क्षीणता- नपुंसकता तथा शारीरिक दुर्बलता दूर करने के अलावा अन्य व्याधियों को भी दूर करने की अच्छी औषीधी है. इसकी और भी कई…
Read Moreकेला (Banana) का पत्ता तना फूल सबकुछ है फायदेमंद
हम सभी केले खाने के फायदों को तो अच्छी तरह से जानते ही है. ये हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी है. लेकिन आप जानते है कि केला का पेड़ एक ऐसा पेड़ होता है. जिसका हर हिस्सा हमारे किसी न किसी काम आ जाता है. केले के फूल, फल और तने भी खाए जाते है. इसकी डिश बहुत…
Read Moreहरी मटर (Green Pea) में छिपा है सेहत का खजाना
सर्दियां आ गई हैं और ताजी हरी मटर (Green Pea) बाजार में आ चुकी है. हर कोई सर्दियों में खाने में मटर का खूब लुफ्त लेता है. मटर स्वाद में तो अच्छी होती है ही सेहत के लिए भी बेहतर है. जानिए हरी मटर खाने से सेहत को क्या होते हैं फायदे? मटर Peas एक सब्जी है और ये बेल पर…
Read Moreमुलहठी (Glaisiraija Glibra) के आयुर्वेदिक तथा औष्धिय गुण
गले में खराश हो या खांसी, मुलहठी (Glaisiraija Glibra) चूसने से इसमें राहत मिलती है. इसके अलावा भी मुलहठी में कई ऐसे गुण हैं, जो शायद आप पहले नहीं जानते होंगे. जानिए इससे आपको किस प्रकार लाभ पहुंचा सकती है. यह बहुत गुणकारी औषधि है. मुलहठी (Glaisiraija Glibra) के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर…
Read Moreऑरीगैनो (Oregano) विदेशी जड़ी बूटी देशी इलाज
वाइल्ड ऑरीगैनो (Oregano) एक सदाबहार पौधा है. जैतून जैसी पत्तियां और बैगनी रंग के छोटे फूल इसकी सुन्दरता बढ़ते हैं. इस पूरे पौधे में तेज गंध होती है. इसका स्वाद हल्का कड़वा होता है. बैसे तो इसकी 40 प्रजातियाँ होती हैं. मगर औषधीय गुण शिर्फ़ मेडिटेरियम के पहाड़ों में उगने बाले पौधे में ही होते हैं. इसे बहुत सी औषधियों…
Read Moreनीम (Azadirachta Indica) के टॉप 5 ब्यूटी बेनिफिटस
नीम (Azadirachta Indica) आपको दुनिया के हर कोने में मिल जाएगा. इसके बहुत से ब्यूटी से सम्बंधित फायदे हैं. यह त्वचा के लिए काफी फायदे वाला होता है. आज हम आपको इस के कुछ ऐसे ही फायदे बता रहे है जो आपके सोंदर्य को चार चाँद लगा देंगे. इन फायदों के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे. इन्हें…
Read Moreकायफल (Box Myrtle) घुटनों के दर्द और सूजन का रामबाण इलाज
कायफल Kayfal (Box Myrtle) घुटनों के दर्द और सूजन का रामबाण इलाज – कोंकण प्रान्त में इसे आसानी से देखा जा सकता है. हिमालय की तराई में भी इसकी पैदाबार अधिक होती है. इसके पत्ते लम्बे तथा चौड़े होते हैं. इनका प्रयोग पत्तल बनाने के लिए किया जाता है. इसकी प्राय दो जातियां होती हैं. काली तथा सफेद. इसकी छाल…
Read Moreअगस्त का पेड़ (Sesbane) जकडन उदर विकार सुजन में उपयोगी
अगस्त का पेड़ (Sesbane) मध्यम आकार का पौधा होता है. जिसकी ऊँचाई बीस फीट की होती है. इसकी डालियाँ घनी होती है. प्राय भारत के सभी प्रान्तों में ये होता है. बाग़ बगीचों और सडकों के किनारे इसे आसानी से देखा जा सकता है. पुष्प के आधार पर ये दो प्रकार के होते हैं. (सफेद ) और (लाल ) इन…
Read Moreअगर (Eagle Wood) नपुंसकता दमा गठिया अनगिनत रोगों का इलाज
अगर (Eagle Wood) का वृक्ष विशाल पेड़ों की श्रंखला में आता है. भारत में इस आसाम प्रान्त के श्री हाटा क्षेत्र के इलाकों में अधिक देखा जाता है. अन्य जगहों पर ये चीन के चतीया प्रदेश में या सिल्हट जिले के आस-पास जटिया पर्वत पर भी देखा जा सकता है. इसकी मुख्य खासियत यह होती है. की इस पर पतझड़…
Read Moreलसोड़ा (Cordia Dichotoma) अतिसार कालेरा तथा दंत रोग का दुशमन
लसोड़ा (Cordia Dichotoma) अतिसार कालेरा तथा दंत रोग का दुशमन – विशाल पेड़ों में इसकी भी गिनती होती है. इसके पत्ते पान के पत्तों के समान ही पाचक और चिकने होते हैं. इस कारण गुजरात की तरफ लोग इन का प्रयोग पान के पत्तों की जगह करते हैं. इनकी दो जातियां ज्यादा देखी जाती हैं. 1- लेमड़ा 2- लसोड़ा (Cordia…
Read Moreतेज पत्ता (Bay Leaf) मसाले के साथ बहुत से रोगों की असरकारक औष्धि भी है
तेज पत्ता (Bay Leaf) मसाले के साथ बहुत से रोगों की असरकारक औष्धि भी है – इसके पौधे छोटे प्राय तीन फीट तक होते हैं. इस पर पतझड़ का असर नहीं होता है. यह पौधा हमेशा हर भरा रहता है. इसकी छाल पतली, खुरदरी हरे रंग की या फिर भूरे रंग की होती है. इसके अपक्व फल को काला नाग…
Read Moreहरसिंगार (Nyctanthes Arbor-Tristis) मन को ही नहीं तन को भी शक्ति देता है ये पवित्र पौधा
हरसिंगार का वृक्ष भी मध्यम आकार का होता है. ये दस से बीस फीट तक ऊँचे होते हैं. इसके फूल अत्यंत सुंदर खुशबूदार व कोमल होते हैं. इसके बीज गोल होते हैं. जिनकी आकृती चपटी होती है. फूल इतने कोमल होते हैं की हवा से फूलों की चादर सी बिछ जाती है. इसके फूलों का डंठल पीला और फूल सफेद…
Read Moreआक का दूध पैर के अगुंठे पर लगाने से आँख का दर्द चुटकी में गायब
आक (Calotropis Gigantea) का वृक्ष प्राय: सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है. इसकी ऊँचाई आठ से दस फीट तक होती है. यह उष्ण और शुष्क जमीन पर उगता है. जो बंजर होती है. इसके पत्ते हरे और मोटे आयताकार होते हैं. ये चार इंच लम्बे और दो इंच चौड़े होते हैं. इसके फूल सफेद गंधहीन होते हैं. फल 2-3 इंच…
Read Moreतेंदू (Persimmon) का परिचय गुण तथा आयुर्वेदिक उपयोग
तेंदू (Persimmon) पेड़ अत्यंत ऊँचे होते हैं. पत्ते गोलाई लिए हुए शीशम के पत्तों की तरह होते हैं. इसके अंदर सार काला और वजनदार होता है. इसको कंही-कंही आबनूस भी कहते हैं. इसका फल नीबू की तरह गोल और सोभायमान होता है. पकने पर यह पीले रंग का हो जाता है. इसके सेवन से ह्रदय खोखला हो जाता है. कफ…
Read Moreमौलसिरी (Maulasiree) परिचय गुण तथा आयुर्वेदिक उपयोग
मौलसिरी (Maulasiree) प्राय देश के हर भाग में पाया जाता है. सामान्यतया: इसे बागों में देखा जाता है. इसके पेड़ तीस से चालीस फिट ऊँचे होते हैं. पत्ते सगं व चिकने होते हैं. इनकी संरचना देखने में झोपडी के आकर की होती है. इस पेड़ पर पतझड़ का असर न के बराबर होता है. इसका वृक्ष हमेशा हर भरा रहता…
Read Moreटेसू (Butea Monosperma) परिचय गुण तथा आयुर्वेदिक उपयोग
टेसू का पेड़ छोटा होता है. इसके पत्ते चौड़े और चिकने होते हैं. इन का उपयोग दौने बनाने के काम आता है. फूलों में केसर के समानता होती है. इसके फूलों का रंग हल्के हरे रंग का होता है. फूलों का प्रयोग रंग बनाने में किया जाता है. इसके फूल बहुत ही आकर्षक होते हैं. इसके आकर्षक फूलो के कारण इसे “जंगल…
Read Moreखैर ( Black Catechu) परिचय गुण तथा आयुर्वेदिक उपयोग
खैर का वृक्ष जंगलों में पाया जाता है. इसके तने व दलों पर कांटे पाए जाते हैं. इसकी लकड़ी काफी उपयोगी होती है. भारत में पंजाब, पश्चिमी उत्तर हिमालय, मध्य भारत, बिहार, गंजम कोकण,एवं नैनीताल के जंगलों में पाए जाते हैं. नेपाल में भी इसकी अच्छी पैदा बार होती है. इसके पत्ते बबूल के पत्तों की तरह होते हैं. ये…
Read Moreचन्दन (Sandal) परिचय गुण तथा आयुर्वेदिक उपयोग
चन्दन (Sandal) का पेड़ काफी लम्बा चौड़ा होता है. सामान्य रूप से इसे देखना सम्भव नहीं है. इसको सिर्फ जंगलों में बड़े उधानो में ही देखा जाता है. मालाबार प्रान्त में इसकी अधिकता होती है. इसके पत्ते नीम के पत्तों की तरह छोटे होते हैं. इसके फल भी छोटे और काले रंग के होते हैं. चन्दन की लकड़ी अत्यंत खुशबूदार…
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